हुनर का मोल नहीं कोई , अनमोल हर हुनर नज़र आता है । अब तो दफ्तर से निकलते ही , बस घर नज़र आता है । सुखी हों भले होतीं थी मीठी , वो माँ के हाथ की रोटी । अब तो तली पुरियों में भी , मुझे कंकर नज़र आता है । -शान की कलम से ।
ETERNAL LOVE Since, I fell for your smile, It has been my dream for a while. I always get captivated from your eyes, Believe me, It never lies, I always hear your voice in my each thunder, When you use to speak in front of me really that's wonder. The thing which kills me is your behaviour, Seriously, It's not me, You are Brevier. At last, I want to earn you in my life, Not as "Friend" or "Girlfriend", but as my beautiful "Wife". BY- SHAAN ( Subham )
माँ का बेटा हूँ याद में उसकी हर रात खुली आँख लेटा हूँ , खबरदार हूँ ! सोई न होगी वो भी मैं जिस माँ का बेटा हूँ । भीड़ में हूँ ,फिर भी लोगों से अलग मैं बैठा हूँ , खबरदार हूँ ! उलझन में होगी वो भी मैं जिस माँ का बेटा हूँ । आयने में देखता हूँ खुदको साथ उसका चेहरा भी दीखता है , खबरदार हूँ , मुझे देखती होगी वो भी मैं जिस माँ का बेटा हूँ । खेल बचपन के याद कर मैं अक्सर मुस्कुराता हूँ , खबरदार हूँ , याद कर खिलखिलाती होगी वो भी मैं जिस माँ का बीटा हूँ । घबराहट है कहीं आज में मैं भटक ना जाऊं , खबरदार हूँ , की डरती होगी वो भी मैं जिस माँ का बेटा हूँ । सोचता हूँ जल्द छुट्टी मिले मैं घर चला जाऊं , खबरदार हूँ , बेसब्र होगी वो भी मैं जिस माँ का बेटा हूँ । शान (उर्फ़ सुभम ) की कलम से। ......
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