Posts

Showing posts from July, 2015

माता जगत जननी से एक भक्त की बिनती.....

Image
माता जगत जननी से एक भक्त की  बिनती एक भक्त माँ से कैसी बिनती करता है यह एक रचना द्वारा आप सभी के  समक्ष में अपने सब्दों में पेश करता हूँ। (बोहोत दिनों के बाद कुछ लिखने का प्रयास किया है उम्मीद है आप सभी को पसंद आये ) तो भक्त माँ जगत जननी से कुछ ऐसे कहता है:- करुणामयी करुणानिधान , बस देदे  मुझको ये वरदान , तू साथ रहे, मेरे साथ चले , यह मात्र एक मेरी बिनती है।  अगली पंक्ति में वह उसे भी पाने से मना कर देता है जो हर मनुष्य की दो इच्छा होती है । माया का कभी ना लोभ करूँ , काया से हमेशा दूर रहूँ , माता तेरा आभारी हूँ ! फूल डाल कर राहों में , कांटें तू हमेशा चुनती है । हो राह में कांटें भले अगर , तू साथ रहे ,मेरे साथ चले , यह मात्र एक मेरी बिनती है । अब कैसे माता को अपना साझेदार बताता है यह अगली पंक्ति में ध्यान दीजियेगा । जो कुछ मिले वो भाग लगे , पैया न पौना , आध लगे , लोग फलें बढ़ें उन्नति करें , तेरे चरणों का आशीर्वाद लगे , अगली पंक्ति में वह माता पर अपने बेटे होने का हक़ कैसे जताता है । सारी दुनिया का सरपर ताज तेरे , मेरी माता में तेरी गिनती है ,

"हिन्दी"

मैं हिन्द देश का जाया हूँ  , भारतमाता मेरी माता है । यहाँ जो जनम लेते हैं , वो कड़ी परीक्षा देते हैं । कितने पुण्यों का धर्ता हूँ , मैं कई खेलों का विजेता हूँ । यह भूमि अजय,अमर भूमि है, यहाँ कई बड़े अवतार हुवे । हर वास्तु में भगवान यहाँ , उनका हम सबसे नाता है । हर धर्म के लोग यहाँ रहते , "हिन्दी" इस देश की भाषा है । अंग्रेजी से पढता हूँ , हर भाषा की इज्जत मैं करता हूँ । "हिन्दी" मेरी मातृ भाषा है , और "हिन्दी" को यहाँ सब भूल रहे , मैं इसी बात से डरता हूँ । "हिन्दी" की खातिर जीना है ! "हिन्दी" की खातिर मारना है ! बस एक मात्र यही लक्ष्य मेरा , "हिन्दी" की खातिर कुछ करना है । हिन्द में कई कवि हुवे , जिन्होंने "हिन्दी" की नीव गढ़ी । "हिन्दी" भाषा खतरे में है , जबसे संस्कृति बदल रही । ( "हिन्दी" के बचाव खातिर अगली पंक्ति की रचना की है  ) यह आग्रह मेरा सबसे है , कुछ लोग जो मेरा साथ धरें - मिलकर हम, इस "हिन्दी" की नीव मजबूत करें ! ताकि, भारत में ये अमर रहे