सपनों में मेहबूबा ~सपनों से न उठाना |
वो बालों से चेहरा छुपाना ।
यूँ गालों पे उंगलियां घुमाना ।
चोरी से देख कर मुझको
किताबों के पन्ने बदलना ।
किताबों के पन्ने बदलना ।
अरे उनका दीदार करा दो ……
जो निगाहें कातिलाना ।
खुदा का सुखरिया ।
ख़्वाबों में ~
कफ-ए-डस्क पर उसकी
मुझे कलम बनाना ।
मुझे कलम बनाना ।
मामूली कलम समझ मुझको
उसका होठों से लगाना।
उसका होठों से लगाना।
पकड़ उँगलियों से मुझे यूँ नाच नाचना।
सपनों मे डूब कर उसके
हमारा आशियाँ बनाना।
सपनों मे खुश हूँ मे मेरी बस
ख्वाहिश है इतनी~
ख्वाहिश है इतनी~
ऐ खुदा मुझे जीने दे यही पे
तू सपनों से न उठाना ।
तू सपनों से न उठाना ।
शान(उर्फ़ सुभम ) की कलम से। ..........
ati sundar :)
ReplyDeletesukhriya :)
DeleteBeautiful!
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