हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर मेरे साथी कवि मित्रो के लिए एक सुंदर रचना |




हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर मेरे साथी कवि मित्रो के लिए एक सुंदर रचना ख़ास कर अलोक जी के लिए।



समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में । 
आप युहीं बढ़ते रहें । 

जीत हमेशा आपकी हो । 
दुश्मन हार से डरते रहें । 
सबके बदलते हुवे विचरों पर ~  
अमल आप युहीं करते रहें ।

समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में । 
आप युहीं बढ़ते रहें ।

बढ़ता रहे रुतबा भी । 
जब-जब उम्र में बढ़ाव हो ।
फ़तेह हमेशा आपकी हो ~ 
चाहे मुश्किल कोई पड़ाव हो ।

समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में । 
आप युहीं बढ़ते रहें । 

सरजमीन-ए- हिन्दुस्तान पर । 
अपना नाम यूँही करते रहें ।
  आप युहीं बढ़ते रहें ।

शान (उर्फ़ सुभम ) की कलम से। ……… 

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