हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर मेरे साथी कवि मित्रो के लिए एक सुंदर रचना |
हिन्दी दिवस के शुभ अवसर पर मेरे साथी कवि मित्रो के लिए एक सुंदर रचना ख़ास कर अलोक जी के लिए।
समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में ।
आप युहीं बढ़ते रहें ।
जीत हमेशा आपकी हो ।
दुश्मन हार से डरते रहें ।
सबके बदलते हुवे विचरों पर ~
अमल आप युहीं करते रहें ।
समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में ।
आप युहीं बढ़ते रहें ।
बढ़ता रहे रुतबा भी ।
जब-जब उम्र में बढ़ाव हो ।
फ़तेह हमेशा आपकी हो ~
चाहे मुश्किल कोई पड़ाव हो ।
समय की बढ़ती हुई रफ़्तार में ।
आप युहीं बढ़ते रहें ।
सरजमीन-ए- हिन्दुस्तान पर ।
अपना नाम यूँही करते रहें ।
आप युहीं बढ़ते रहें ।
आप युहीं बढ़ते रहें ।
शान (उर्फ़ सुभम ) की कलम से। ………
Wow Subham, bahot badhiya!
ReplyDeleteshukhriya Hema ji :)
Deletewonderful Subham :-)
ReplyDeleteThank you:)
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