प्रेरक पंक्तियाँ
प्रेरक पंक्तियाँ
जीत अगर दूर होती जाए ।
हार निश्चित भी हो जाए ।
तो कभी गम नहीं करना ।
हौंसले इतने बुलंद रखना ।
की ख्वाहिशें बिखर भी जाए ।
मगर , कोशिशें बंद मत करना ।
जीत अगर दूर होती जाए ।
हार निश्चित भी हो जाए ।
तो कभी गम नहीं करना ।
हौंसले इतने बुलंद रखना ।
की ख्वाहिशें बिखर भी जाए ।
मगर , कोशिशें बंद मत करना ।
मंज़िल पास हो तो क्या ?
जबतक हाशिल न हो जाए ।
जबतक हाशिल न हो जाए ।
जीत महसूस मत करना ।
शान (उर्फ़ सुभम ) की कलम से। ……
sahi baat :-)
ReplyDeletethank you Ma'am :)
DeleteBahut Khoob Kaha!
ReplyDeleteLovelorn Poetry
Thank you bhai :)
Deleteहौंसले इतने बुलंद रखना ।
ReplyDeleteकी ख्वाहिशें बिखर भी जाए ।
मगर , कोशिशें बंद मत करना ।
स्वागत !!
Thank you sir :)
Deletesuper inspirational :) bohot khoob :)
ReplyDeleteDhanyaad :)
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