"हिन्दी"

मैं हिन्द देश का जाया हूँ  ,
भारतमाता मेरी माता है ।

यहाँ जो जनम लेते हैं ,
वो कड़ी परीक्षा देते हैं ।
कितने पुण्यों का धर्ता हूँ ,
मैं कई खेलों का विजेता हूँ ।

यह भूमि अजय,अमर भूमि है,
यहाँ कई बड़े अवतार हुवे ।

हर वास्तु में भगवान यहाँ ,
उनका हम सबसे नाता है ।
हर धर्म के लोग यहाँ रहते ,
"हिन्दी" इस देश की भाषा है ।



अंग्रेजी से पढता हूँ ,
हर भाषा की इज्जत मैं करता हूँ ।
"हिन्दी" मेरी मातृ भाषा है ,
और "हिन्दी" को यहाँ सब भूल रहे ,
मैं इसी बात से डरता हूँ ।

"हिन्दी" की खातिर जीना है !
"हिन्दी" की खातिर मारना है !
बस एक मात्र यही लक्ष्य मेरा ,
"हिन्दी" की खातिर कुछ करना है ।

हिन्द में कई कवि हुवे ,
जिन्होंने "हिन्दी" की नीव गढ़ी ।
"हिन्दी" भाषा खतरे में है ,
जबसे संस्कृति बदल रही ।

( "हिन्दी" के बचाव खातिर अगली पंक्ति की रचना की है  )

यह आग्रह मेरा सबसे है ,
कुछ लोग जो मेरा साथ धरें -
मिलकर हम,
इस "हिन्दी" की नीव मजबूत करें !
ताकि, भारत में ये अमर रहे !
सारी दुनिया में "हिन्दी" का नाम करें ।

"शान" की कलम से.........  

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