आज का स्वार्थी इंसान
आज का स्वार्थी इंसान मतलब की दुनिया है यारों ,मतलब के हैं यार । सबसे बड़ा है इस जीवन में माता का किरदार । भेज दिया वृद्धाश्रम जिसने तुझको जन्म दिया था, भूल के अपनी पीड़ा उसने तुझसे प्यार किया था , इश्क़ मुहोब्बत झूठा है सब सच्चा माँ का प्यार , मतलब की दुनिया है यारों ,मतलब के हैं यार । कंधे पर बैठाकर जो मेल घूमाकर लाते , कोपी ,कलम, किताब ,खिलौने सब हमको दिलवाते , और बोझ उठा नहीं सकते हम उनका ,बन गए "बीवी" के "आज्ञाकार " मतलब की दुनिया है यारों ,मतलब के हैं यार । नारी की चिंता है सबको , सब नारी-नारी चिल्लाते , हो रहा हो लक्ष्मी का आगमन अगर घर में , "भ्रूणहत्या "भी ये करवाते , न रहा माँ का आदर अब घर में ,भूल गए ये बहनो का भी प्यार , मतलब की दुनिया है यारों ,मतलब के हैं यार । नेताओं का तांडव है ,वो देखें और हम सब नाचें , धर्म के सौदागर हैं! कहीं कुरान! कहीं बाइबल! तो कहीं भगवद गीता बाचें! चुनाव के नाम पर करते हैं ये मुजरों का प्रचार , मतलब की दुनिया है यारों ,मतलब के हैं यार । कल...